विरोध के बाद मेडिकल कॉलेजों में नौकरशाहों की नियुक्ति के प्रस्ताव रूका

डॉक्टर
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मध्यप्रदेश सरकार ने सभी 13 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारी की प्रस्तावित नियुक्ति पर चिकित्सा बिरादरी के सर्वसम्मत विरोध के बाद मंगलवार को विवादास्पद प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

मामले से जुड़े सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज में डिप्टी कलेक्टर/एसडीएम की नियुक्ति का प्रस्ताव मंगलवार को राज्य कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाना था, लेकिन कुछ मंत्रियों के गुजरात चुनाव के काम में व्यस्त होने के कारण बैठक अचानक रद्द कर दी गई।

हालांकि, बाद में यहां गांधी मेडिकल कॉलेज शिक्षक संघ को संदेश दिया गया कि प्रस्ताव पर रोक लगा दी गई है और इसे भविष्य में कैबिनेट के समक्ष नहीं लाया जाएगा।

एक साल के भीतर यह तीसरा अवसर था, जब सरकार को अपने प्रस्ताव से पीछे हटना पड़ा, क्योंकि हर बार चिकित्सा बिरादरी इस उपाय के खिलाफ उठ खड़ी हुई, यह तर्क देते हुए कि चिकित्सा संस्थानों को उसी क्षेत्र से विशेषज्ञता की जरूरत है। राज्य सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक विषयों की देखभाल के लिए एक प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

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