विदेशों में मौत के बाद फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाही

विदेशों में मौत के बाद फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाही

CDSCO: गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में भारतीय फार्मा के द्वारा निर्मित घटिया दवाओं का सेवन करने के बाद कई लोगों की मौत हो गई जबकि कई बीमार हो गए। ये मामला सामने आने के बाद  केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने राज्य प्राधिकारों के साथ मिलकर फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।

लोकसभा में सरकार स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कफ सिरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए इस साल 22 मई को अधिसूचना जारी की और विनिर्माताओं के लिए उनके उत्पादों का निर्यात करने से पहले किसी सरकारी मान्यता प्राप्त प्रयोगशला से विश्लेषण प्रमाणपत्र प्राप्त करना एक जून से अनिवार्य बना दिया है।

CDSCO ने हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक के साथ मिलकर जांच की

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि श्रीलंका, गांबिया और उज्बेकिस्तान से मिली खबरों के बाद सीडीएससीओ ने राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ समन्वय में कफ सीरप बनाने वाली इकाइयों में संयुक्त जांच की। उन्होंने कहा कि गांबिया में ऐसे सीरप पीने के बाद बच्चों की मौत की खबरों के बाद सीडीएससीओ ने हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक के साथ मिलकर तथ्यों का पता लगाने के लिए मैडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की विनिर्माण इकाई में जांच की।

सस्ती कीमत पर जेनेरिक दवाएं मुहैया कराने 9500 से अधिक केंद्र खोले गए

देश के सभी लोगों को सस्ती कीमत पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हो इसके लिए सरकार की ओर से 9,500 जन औषधि केंद्र खोले गए। 2014-15 तक देश भर में करीब 80 जनऔषधि केंद्र खोले गए थे लेकिन अब 2022-23 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 9,500 हो गई है।

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केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा नवंबर 2008 में देश के हर जिले में कम से कम एक जन औषधि केंद्र खोलने के लक्ष्य के साथ जन औषधि योजना शुरू की गई थी। लगभग 80 2014-15 तक देश में केंद्र खोले गए थे। साल 2015-16 के दौरान इस योजना को नया रूप दिया गया और देश में 3,000 केंद्र स्थापित करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के रूप में फिर से लॉन्च किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2017 से 30 जून 2023 तक पूरे देश में 9500 से अधिक केंद्र खोले गए हैं।

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