दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने बहुत बड़ा कमाल कर दिखाया। डॉक्टरों ने छाती और पेट के ऊपरी हिस्से से आपस में जुड़ी 2 जुड़वां बहनों ऋिद्धि और सिद्धि को अलग करने में सफलता हासिल की। शिशु चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ मीनू वाजपेयी ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली दीपिका गुप्ता जब 4 महीने की गर्भवती थीं तभी पता चल गया था कि उनके गर्भ में छाती और पेट से आपस में जुड़े जुड़वां बच्चे हैं।
डॉ मीनू ने बताया कि बाद में दीपिका गुप्ता को अपने बच्चियों के इलाज के लिए एम्स जाने की सलाह दी गयी, क्योंकि स्थानीय स्तर पर उन्नत चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं। ये दोनों बच्चियां बीते साल सात जुलाई को जन्मीं और दोनों पांच महीने तक गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रहीं। उन्हें आठ जून को नौ घंटे तक चली सर्जरी के बाद एक दूसरे से अलग किया गया। दोनों बच्चियों का पहला जन्मदिन अस्पताल में ही मनाया गया।
ये भी पढ़ें- अधिसूचित दवाओं के 300 ब्रांडों के सभी बैचों में 1 अगस्त से होगा क्यूआर कोड
बाल चिकित्सा सर्जरी के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. प्रबुद्ध गोयल ने बताया कि यह विसंगति अजीब थी जहां पसलियां, यकृत, डायफ्रॉम आदि आपस में मिले हुए थे। दोनों ही दिल एक दूसरे के बिल्कुल करीब थे यानी करीब-करीब स्पर्श कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन बच्चियों का 11 महीने की उम्र में ऑपरेशन किया गया, जब वे सर्जरी की क्रिया को बर्दाश्त करने की स्थिति में पहुंच गयी थीं।

9 घंटे की लंबी सर्जरी के बाद दोनों बहनों को एक दूसरे से अलग किया गया। ये दोनों बच्चियां अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन वे अब ठीकठाक स्थिति में हैं। उनके माता-पिता दीपिका और अंकुर गुप्ता ने सर्जरी कामयाब होने के बाद राहत की सांस ली। उनकी खुशी का अब ठिकाना नहीं है।