दिल का दुश्मन अकेलापन

अकेले हैं तो क्या गम हैं…अमिर खान अभिनीत फिल्म के इस मशहूर गाने से बेशक अकेले रहने वालों का हौंसला बढ़े, लेकिन एक शोध में सामने आया है कि अकेलापन कई बीमारियों की जड़ है। नए अध्ययन से पता चला है कि अकेले और समाज से दूर रहना कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। खासकर दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। अकेलेपन से पहले भी सामने आया है कि इससे इम्यून सिस्टम, ब्लड प्रेशर और असमय मौत के खतरे हैं। लेकिन दिल की बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है, यह अब क्लीयर हुआ है।
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं द्वारा 1,81000 लोगों पर किए गए इस अध्ययन ने महानगरों में रहने वालों लोगों की नींद उड़ा दी है। दिल्ली एनसीआर में तो अकेले रहने वालों की संख्या अच्छी खासी है। फ्लैट कल्चर ने इस आग में घी का काम किया है। एक ही बिल्डिंग में रहने में रहने वालों को साथ वाले फ्लैट की खबर नहीं होती। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि दिल की बीमारी के खतरे का 29 फीसदी संबंध अकेलापन या सामाजिक अलगाव से है। जबकि स्ट्रोक के खतरे का 32 फीसद जुड़ाव पता चला। शोधकर्ताओं ने कहा कि अकेलेपन और सामाजिक अलगाव की समस्या का हल करने से उच्च आय वाले देशों में बीमारियों की दो अन्य कारकों पर भी अंकुश लगाया जा सकता है। इन दो कारकों चिंता और तनावपूर्ण नौकरी की पहले ही पहचान की जा चुकी है। इस शोध का प्रकाशन जर्नल हार्ट में किया गया है। चिकित्सकों का कहना है आधुनिक होते देश में जितनी बीमारियों पर विजय पाने की तकनीक आई हैं, उससे कहीं ज्यादा मरीजों की संख्या और बीमारियों से होने वाली मौत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है।
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