बांसगांव। अवैध अस्पताल का संचालक ताला बंद कर फरार हो गया बताया गया है। दरअसल, निजी अस्पताल में प्रसव के बाद प्रसूता की मौत के मामले में तूल पकड़ लिया है। जांच के बाद सामने आया कि यह अस्पताल स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड ही नहीं है।
इस अस्पताल का कामकाज आशा वर्कर्स के सहारे चल रहा है। मृतक रेनू को आशा वर्कर्स ने ही बिना रजिस्ट्रेश के चल रहे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला मरीज की मौत के बाद से अस्पताल संचालक और चिकित्सक फरार हैं और आशा कार्यकर्ता और एएनएम भी भूमिगत हो गई हैं।
यह है मामला
बांसगांव के तहत आने वाले गोहली बसंत निवासी दिनेश कुमार की पत्नी रेनू को प्रसव पीड़ा हुई। आशा वर्कर गंगोत्री गर्भवती महिला को लेकर बांसगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। यहां पर नर्स ने ऑपरेशन करने की सलाह दी, जिसके बाद आशा कार्यकर्ता भवती को लेकर बघराई स्थित गोविंद हॉस्पिटल पहुंची। इसी अस्पताल में संचालक और चिकित्सक ने महिला का सीजेरियन किया।
सीजेरियन के कुछ देर बाद ही रेनू की तबीयत बिगड़ गई। बताया जाता है कि चिकित्सक व अस्पताल संचालक अपनी कार से रेनू को प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर जा रहे थे और रास्ते में ही रेनू की मौत हो गई। अस्पताल संचालक और चिकित्सक रेनू का शव छोड़ कर फरार हो गए।