पनीर और दूध के नाम पर बनकर बिक रहा है रोहतक जिले में धीमा जहर

दूध

रोहतक जिले के कई डेरियो में नकली दूध और पनीर बनाने का धंधा जोरों पर है। रोहतक सहित आस-पास के दर्जनों गांव में नकली दूध और पनीर बनाने की डेयरियां लगी हुई हैं। जिनमें दूध और पनीर के नाम पर मात्र धीमा जहर बनाया जा रहा है। मोटा मुनाफा कमाने के लालच में ये नकली दूध और पनीर बनाने वाले यह व्यापारी मानवता को भी भूल चुके हैं। ऐसा नहीं है कि सम्बन्धित विभाग को इसकी जानकारी नहीं है, सूत्रों की माने तो हर माह पहुंचने वाला लाखों रुपए का प्रसाद कार्यवाही में रुकावट बना हुआ है।

जिले के फूड सेफ्टी अधिकारी इन डेयरियो का दौरा तो करते हैं, लेकिन अपनी जेबें भरकर बिना कार्यवाही वापस चले जाते हैं। शायद इसी चक्कर में पूर्व फूड इंस्पेक्टर की जांच भी चल रही है। फूड विभाग के होते हुए नकली पाउडर धड़ल्ले से ट्रकों में भर भरकर रोजाना बड़ी मात्रा में रोहतक में आता है और फिर डेयरियों के साथ-साथ बडे बाजार पहुंचकर नकली दूध और पनीर बनाने के लिए उपयोग हो रहा है। लेकिन विभाग की आंखे कबूतर की तरह बंद है। आपको बता दें कि नकली दूध के पाउडर का ये कारोबार रात के अंधेरे में जोरों से चलता है।

रातों रात बड़े बड़े ट्रकों में भरकर ये नकली दूध बनाने का सामान शहर में पहुंचकर बड़े-बड़े व्यापारियों के गोदामों में भर दिया जाता है, जहां से फिर इसे कुछ डेयरी व्यापारी खरीदकर अपनी-अपनी डेयरियों पर ले जाते हैं और नकली दूध और पनीर बनाकर रातों रात गाड़ियों में भरकर शहर व आस पास के एनसीआर इलाकों में भेज दिया जाता है। तो वहीं कुछ कुल्फी बनाने वाले भी वक्त की डिमांड के हिसाब से इस दूध को खपा लेते है। इतना ही नहीं यही दूध दुकानों में मिठाईयां बनाने के काम भी आता है। जहां दुकानदार भी कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में नकली मिठाईयां बनाकर बेचते हैं और अधिकतर त्योहारों के समय ये धंदा खूब फलता-फूलता है।

व्यापारियों को अधिकारियो का भी कोई डर नहीं है ये तो बस धीमा जहर बनाकर मासूम जनता की जान से खिलवाड़ करने का धंधा जोरों से चला रहे है। रोहतक में कई व्यापारी हैं जो इस नकली दूध बनाने के सामान का धंधा करते हैं। ये व्यापारी गैर कानूनी तरीके से नकली दूध का पाउडर ट्रकों में भरकर मंगाते हैं और साथ ही घटिया रिफाइंड ऑयल, शुगर पाउडर और चूना जैसी वस्तुएं इस दूध को बनाने वाली हर सामग्री का धंधा करते हैं।

ये सारी सामग्री सुबह-सुबह उजाला होने से पहले इन व्यापारियों के गोदामों में भर दी जाती है। जहां से फिर ये डेयरियों तक पहुंचती है। इसलिए त्योहारों के समय जब फूड एंड सेफ्टी विभाग छापेमारी करता है तो अधिकतर मिठाइयों के सैम्पल्स फैल पाए जाते है लेकिन ये केवल त्योहारों के समय तक ही सीमित नहीं रहता, पुरे साल दूध, दही, मिठाई और पनीर आदि के नाम पर जनता को जहर परोसा जा रहा है। फूड सेफटी एंड स्टेंडर्ड अथारिटी आॅफ इंडिया द्वारा जारी किए गए 4जी इंडेक्स (ैथ्ैप्) आंकडों में हरियाणा गुणवता के मामले में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले अब हरियाणा 13वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं खान-पान की क्वालिटी के मामले में तमिलनाडू पहले प्रथम, गुजरात 2 व हिमाचल 3 स्थान पर पहुंच गया।

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