हिमाचल की दवा कंपनियों पर कार्रवाही की जरुरत

हिमाचल की दवा कंपनियों पर कार्रवाही की जरुरत

चंडीगढ़ : हिमाचल प्रदेश की कुछ दवा कंपनियों पर जल्द ही कार्रवाही हो सकती है। हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने ये फैसला चंडीगढ़ में हुई 7 राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद लिया है। चंडीगढ़ में हुई नार्थ रीजन की अंतरराज्यीय बैठक में लिया गया।  इस बैठक में उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़ के डीजीपी और पंजाब, हरियाणा के एडीजीपी स्पेशल सीपी क्राइम दिल्ली पुलिस, आईजी हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

बैठक में एनसीबी के अधिकारी भी मौजूद (चंडीगढ़)

इस बैठक में एनसीबी के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस बैठक में ड्रग्स की रोकथाम के लिए एक दूसरे के सुझाव साझा किए गए। साथ ही अलग-अलग राज्यों में ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए चर्चा की गई। इस बात पर चर्चा की गई की आपसी सूचना को एक दूसरे तक पहुंचाने की आवश्यकता है, जिससे तस्करी पर रोक लगाई जा सके। इस बैठक में नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के मुद्दे पर चर्चा की गई। ड्रग्स को खत्म करने के लिए जागरुकता फैलाने की भी बात कही गई।

डीजीपी प्रवीर रंजन ने बताया कि ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए राज्य स्तर पर एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा। इसमें विशेषज्ञ अफसरों को शामिल किया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि ड्रग मनी आतंकवाद और नार्को टेरर में भी इस्तेमाल होती है। ड्रग मनी का इस्तेमाल कई प्रकार के कारोबार में किया जाता है। इस प्रकार की कार्रवाई के लिए राज्यों की कई एजेंसियों की जरूरत है।

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हरियाणा के डीजीपी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बहुत सारी दवा कंपनियां नशे की दवा बनाने का कारोबार कर रही हैं।उन्होंने कहा कि हिमाचल में फार्मा से जुड़ी कंपनियों पर नजर रखी जाएगी। बीते दिनों में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन चलाकर ड्रग्स तस्करी को रोका गया। पंजाब में ड्रोन के जरिए ड्रग्स तस्करी को रोका गया है।

 

 

 

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