Eye Drop Issue: हाल ही में चेन्नई में स्थित भारतीय फार्मा कंपनी ग्लोबल फार्मा के द्वारा निर्मित आईड्रॉप को (Eye Drop Issue) अमेरिकी बाजार से वापस मंगवा लिया गया। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US FDA) ने आरोप लगाया कि इस ड्रॉप के इस्तेमाल से अमेरिका में कई लोगों की आंखों में संक्रमण हो गया, आंखों की रोशनी चली गई साथ ही मौत भी हो गई। इन आरोपों के बाद ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा निर्मित आईड्रॉप ‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ की भारत में जांच की गई थी। जांच में आईड्रॉप मानकों पर खरा उतरा है। उसमें किसी तरह की कोई कमी नहीं पायी गई है।
‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ के सैंपल स्टैंडर्ड क्वॉलिटी (Eye Drop Issue)
बताया जा रहा है कि जांच के लिए ‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ के जो सैम्पल्स लिए गए थे, उनके नतीजों में यह सामने आया है कि ये स्टैंडर्ड क्वॉलिटी पर बिल्कुल खरे उतरे हैं। सीडीएससीओ और तमिलनाडु ड्रग रेगुलेटर ने फरवरी में कंट्रोल्ड सैम्पल्स और ‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ को बनाने में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटिरियल्स का सैम्पल लिया था। यूएसएफडीए (US FDA) ने अब तक कुछ नहीं कहा है, तो सीडीसी के हवाले से आ रही खबर के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस खबर पर उनकी प्रतिक्रिया को लेकर लिखा है कि आपका क्या मानना है? डीसीजीआई को यूएसएफडीए के जवाब का इंतजार है। जब Artificial Tears को लेकर दो महीने पहले खबर आई, तब से यूएसएफडीए ने ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के किसी भी प्रोडक्ट को अब तक प्रतिबंधित नहीं किया है।
जांच होने के बाद भारत की ड्रग रेगुलेटर सीडीएससीओ ने अमेरिका की ड्रग रेगुलेटर यूएसएफडीए से सम्पर्क किया है और उनसे उनका कमेंट मांगा है।
अमेरिका का दावा आई ड्रॉप से 55 लोगों को संक्रमण हुआ
एफडीए ने इससे पहले भी दावा किया था कि चेन्नई में स्थित ग्लोबल फार्मा के द्वारा बनाई गई आई ड्रॉप के इस्तेमाल से 55 लोगों की आंखों में संक्रमण की समस्या हो गई। जबकि 8 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है वहीं 3 लोगों की मौत हो गई है।
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